तमाशबीन भी तुम?
और क़िरदार भी तुम्हारा?
मुखौटा भी तुम सा
मैंने चढ़ा लिया दोबारा
…इस शोर-गुल
इस चहल-पहल
में ना तुम तुम हो
न मैं मैं हूँ
Plato’s allegory of the cave.
— पुखी उर्फ़ पाखी
13th November, 2019
Gluing cybersecurity with geopolitics
तमाशबीन भी तुम?
और क़िरदार भी तुम्हारा?
मुखौटा भी तुम सा
मैंने चढ़ा लिया दोबारा
…इस शोर-गुल
इस चहल-पहल
में ना तुम तुम हो
न मैं मैं हूँ
Plato’s allegory of the cave.
— पुखी उर्फ़ पाखी
13th November, 2019